नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में रविवार को दिल्ली में हुए प्रदर्शन के बाद से ही जामिया मिलिया इस्लामिया विवादों के केंद्र में हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो के जरिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया एक नकाबपोश व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
कई फेसबुक यूजर्स ने इस फोटो को शेयर करते हुए दावा किया है कि जामिया का एक छात्र लड़की का भेष बनाकर पत्थरबाजी और आगजनी करते हुए पकड़ा गया. तस्वीर में देखा जा सकता है कि उसमें मौजूद शख्स ने जींस और बुर्का पहना हुआ है और उसके नीचे सीने पर ब्रा दिख रही है.
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां (http://archive.today/RJVoo) देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा झूठा है. तस्वीर में दिख रहा शख्स मिस्र के काहिरा का है. उसका जामिया के प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है. महिला के लिबास में यह शख्स काहिरा में मॉल से बच्चे चुराने के आरोप में पकड़ा गया था. यह घटना दो साल पुरानी है.
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि यह तस्वीर 2017 से ही वायरल है. कई पोस्ट, जिनमें ज्यादातर अरबी में लिखी गई हैं, में दावा किया गया है कि यह आदमी लेबनान से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, लेबनान पुलिस ने इस दावे का खंडन किया था.
इंटरनेट पर सर्च करने पर हमें कई अरबी वेबसाइट पर इस घटना से जुड़ी और सूचनाएं मिलीं. इन खबरों को यहां देखा जा सकता है.
इन खबरों के मुताबिक, यह घटना 2017 में मिस्र के काहिरा में हुई थी. इस आदमी को काहिरा फेस्टिवल सिटी के नॉर्थ 90 स्ट्रीट, गेट नंबर 8 के सामने से पकड़ा गया था. स्थानीय लोगों ने इस नकाबपोश आदमी की संदिग्ध गतिविधियों के चलते उसे पकड़ लिया था. बाद में पता चला कि वह महिला के भेष में बच्चे चोरी करने की कोशिश कर रहा था.
इस तरह स्पष्ट हुआ कि इस घटना का जामिया में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है. यह घटना मिस्र की है और दो साल पुरानी है.
