टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री की नियुक्ति जांच के दायरे में आ सकती है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को उन्हें कोच के पद पर फिर से नियुक्त करने की आवश्यकता पड़ सकती है. दरअसल, बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने शनिवार को कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को हितों के टकराव के संबंध में नोटिस भेजा है.
सीएसी में 1983 के वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान कपिल देव, शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में भारत के मुख्य कोच पद के लिए रवि शास्त्री का चयन किया था. सीएसी ने हाल ही में रवि शास्त्री को टीम इंडिया के हेड कोच के लिए चुना था. इसके साथ ही शास्त्री का कार्यकाल 2021 तक बढ़ा दिया गया था. सीएसी के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए हैं, जिस पर उन्हें 10 अक्टूबर तक जवाब देना होगा.
खतरे में रवि शास्त्री की जगह
बोर्ड के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने सीएसी सदस्यों को हितों के टकराव का दोषी पाया तो रवि शास्त्री को एक बार फिर अनावश्यक रूप से नियुक्ति की प्रक्रिया से गुजरना होगा और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा. अधिकारी ने बताया, ‘एक नई समिति का दोबारा से गठन करना होगा और कोच के नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को दोबारा से करना होगा. बीसीसीआई के नए संविधान को ध्यान में रखते हुए सभी चीजों को दोबारा से करना होगा.’
अधिकारी ने कहा, ‘जाहिर है कि इसके कारण शास्त्री को हेड कोच की नियुक्ति प्रक्रिया से एक बार फिर से गुजरना पड़ेगा यदि उन्हें नियुक्ति करने वाली समिति में हितों का टकराव पाया जाता है. इसके बाद नई समिति का गठन होगा और पूरी प्रक्रिया बीसीसीआई के नवगठित संविधान के तहत फिर से करनी होगी. बीसीसीआई का नया कानून साफ कहता है कि सीएसी ही टीम इंडिया के कोच की नियुक्ति कर सकती है.’
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इस समिति ने अगस्त में रवि शास्त्री को मुख्य कोच चुना था. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘हां, उन्हें शिकायत का जवाब हलफनामे के साथ देने के लिए कहा गया है.’ बीसीसीआई संविधान के अनुसार सीएसी का कोई भी सदस्य क्रिकेट में कोई अन्य भूमिका नहीं निभा सकता है.
गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीएसी सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि 1983 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान कपिल सीएसी के अलावा कॉमेंटेटर, एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक और भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं.
इसी तरह से गुप्ता ने आरोप लगाया कि गायकवाड़ का भी हितों का टकराव बनता है, क्योंकि वह एक अकादमी के मालिक हैं और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त समिति के सदस्य हैं. उनके अनुसार पूर्व भारतीय महिला कप्तान रंगास्वामी सीएसी के अलावा आईसीए में भी हैं. सीएसी ने दिसंबर में महिला टीम के मुख्य कोच के रूप में डब्ल्यूवी रमन का चयन किया था, लेकिन तब वह तदर्थ समिति थी.
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