नई दिल्ली। निगम फंड की जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे भाजपा निगम नेताओं सहित महिला नेताओं के बैठने और सोने की जगह कैमरा लगाने पर पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर महिला विरोधी का आरोप लगाया है। सहरावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस कृत्य से साफ हो जाता है कि वह निजात के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि जहां महिला नेता बैठती हैं, सोती है वहां पर कैमरा लगवाने का क्या औचित्य है? केजरीवाल सिर्फ निगम की महिला नेताओं का ही नहीं बल्कि पूरे देश की महिलाओं का अपमान कर रहे हैं।

दिल्ली भाजपा के नेता, तीनों निगमों के महापौरों और पार्षदों का निमग के 13 हजार करोड़ रुपए की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना सोमवार भी जारी रहा है। सोमवार को इस धरने के आठवां दिन हो गया है। धरना स्थल से प्रेस वार्ता में भाजपा नेता और पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत 3 दिन पहले बारिश से बचने के लिए महिला नेताओं ने पेड़ से बांधकर त्रिपाल लगाया। पहले वहां 16 कैमरे लगे होने के बाद भी मुख्यमंत्री ने त्रिपाल में भी कैमरा लगवाने के लिए लोग भेजें। ऐसे तो यही जाहिर है कि महिला नेताओं के निजी क्षणों को देखने का प्रयत्न किया गया है जो सरासर निजता के अधिकार का उल्लंघन है। सहरावत ने कहा कि 7 दिसम्बर को ही निगम नेता मुख्यमंत्री से निगम के बकाया मांग को लेकर मिलने आए थे लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया।
उन्होनें कहा कि केजरीवाल खुद को दिल्ली का बेटा और बड़ा भाई बताते हैं, लेकिन पिछले 8 दिनों से निगम के नेता और महिला नेता फुटपाथ पर धरने पर बैठे लोगों की चिंता नहीं करते। क्या यह लोग दिल्ली के नहीं? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कितनी भी कोशिश कर ले निगम के बकाए फंड की मांग तब तक जारी रहेगी जब तक फंड जारी नहीं किया जाता।