केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 27 जुलाई को 82वें स्थापना दिवस की परंपरा निभाएगा। इस दौरान दिल्ली के बैंड की धुन पर श्रद्धासुमन अर्पित कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जिले में लगाए गए लॉकडाउन के कारण मप्र के नीमच स्थित सीआरपीएफ परिसर में प्रतिवर्ष होने वाले परंपरागत कार्यक्रमों को वेबिनार (ऑनलाइन) माध्यम से आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संबोधन होगा। सीआरपीएफ डीजी डॉ. एके माहेश्वरी और अन्य प्रमुख अधिकारी इसमें विशेष रूप से जुड़ेंगे।
1939 में नीमच में हुई थी सीआरपीएफ की स्थापना
27 जुलाई 1939 को नीमच में ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की स्थापना हुई थी। तत्कालीन अंग्रेज शासनकाल में इसे ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ नाम दिया गया था। आजादी के बाद देश के पहले केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सेवाओं को कायम रखते हुए इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) रखा। 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ एक्ट बनाकर नामकरण की शुरूआत की गई।
शहीदों को सलामी देकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे
सुबह दस बजे कार्यक्रम की शुरुआत परिसर के त्रिगंजा पार्क में शहीदों को सलामी देकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सीटीसी आइजी बीएस चौहान, आरटीसी डीआइजी राजेश ढकरवाल, ग्रुप केंद्र डीआइजी आरएस रावत सहित सभी राजपत्रित अधिकारी-कर्मचारी व जवान उपस्थित रहेंगे। इस दौरान परिसर में अन्य कार्यक्रम भी होंगे।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम में सभी लोग मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का करेंगे पालन
स्थापना दिवस के इस परंपरागत कार्यक्रम के दौरान सभी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन भी किया जाएगा।
सीआरपीएफ की देश में 246 बटालियन हैं
शुरूआत में सीआरपीएफ की महज दो ही बटालियन थी, लेकिन वर्तमान में सीआरपीएफ की देश में 246 बटालियन है।