सेना दिवस के मौके पर भारतीय सेना के जवान अपने दम-खम का प्रदर्शन करती हैं, परेड में हिस्सा लेते हैं और तरह-तरह की झांकी निकालते हैं। इसके साथ ही उस दिन को पूरी श्रद्धा से याद करती है, जब सेना की कमान पहली बार एक भारतीय के हाथ में आई थी।
आज हम इस आर्टिकल में आपको सेना दिवस (Sena Divas) के बारे में बताएंगे और साथ में यह भी बताएंगे कि यह कब, क्यों और किस तरह मनाया जाता है और 2019 में मनाए जाने वाला सेना दिवस क्यों है खास। इसके अलावा भारतीय सेना के रोचक तथ्यों के बारे में भी जानकारी देंगे।
सेना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? – When and Why Celebrate Indian Army Day
भारत में हर साल 15 जनवरी को पूरे उत्साह के साथ आर्मी डे यानी सेना दिवस (Army Day) मनाया जाता है। 15 जनवरी, 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने भारतीय थल सेना के भारतीय कमांडिंग इन चीफ के रुप में इंडियन आर्मी की कमान संभाली थी।
वह भारतीय सेना के पहले जनरल थे जिन्होंने आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल सर फ्रैंसिस बुचर से पदभार संभाला था और इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे।
इसलिए उनको सम्मान देने के लिए 15 जनवरी को सेना दिवस के रुप में बनाने की शुरुआत की गई थी। इसी दिन देश के लिए जान गंवाने वाले भारत के बहादुर, साहसी, निर्भीक और हिम्मती वीर जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजली देकर उन्हें याद किया जाता है। और भारतीय सैनिकों के वीर जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया जाता है।
भारतीय सेना के जवान एक सच्चे देशभक्त के रूप में हमेशा देश की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, इसके साथ ही देश में प्राकृतिक आपदा की स्थिति के दौरान या फिर देश के किसी भी तरह के संकट से बाहर निकालने के लिए वे हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहते हैं और अपने अदम्य साहस का परिचय देते हैं।
इसके अलावा देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के सैनिक बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों का भी पूरे साहस के साथ सामना करते हैं और तो और इसके लिए भारत के वीर सपूरत अपने प्राणों की भी आहूति देने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। भारत के ऐसे शहीदों को 15 जनवरी के दिन लोग अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजली देते हैं और उनके त्याग और बलिदान को याद करते हैं।
इस तरह मनाया जाता है सेना दिवस – Sena Diwas Kaise Manaya Jata Hai
भारत के गौरवशाली परंपरा का दिन सेना दिवस की शुरुआत दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजली देने के साथ होती है। हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के खास मौके पर पूरे जोश और उत्साह के साथ भारतीय सेना अपना दमखम दिखाती है और अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करती है।
यही नहीं इस मौके पर नई दिल्ली में और सेना के सभी मुख्यालयों में विशाल परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या आर्मी के जवान और अफसर शामिल होते हैं। इसके अलावा मिलिट्री शो का भी आयोजन किया जाता है।
भारतीय वीर जवानों के श्रद्दांजली का दिन, सेना दिवस के मौके पर भारतीय जवानों द्धारा तरह-तरह की झांकी भी निकाली जाती हैं। इस दौरान भारतीय सेना के द्धारा अत्याधुनिक हथियारों और साजो-सामान जैसे टैंक, मिसाइल, बख्तरबंद वाहन आदि भी प्रदर्शित किए जाते हैं।
आपको बता दें कि आर्मी डे पर परेड और हथियारों के प्रदर्शन का मुख्य मकसद दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना और देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिये प्रेरित करना है।
भारत के वीर सपूतों को याद करने वाले इस दिन के मौके पर सेना प्रमुख दुश्मनों को धूल चटाने वाले और मुंहतोड़ जवाब देने वाले भारतीय वीर जवानों के अदम्य साहस के लिए उन्हें पुरस्कार और सेना मेडल देकर सम्मानित भी करते हैं। इसके साथ ही इस दौरान देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों की विधवाओं को भी सेना मैडल और अन्य पुरस्कारों से नवाजा जाता है।
भारत के वीर, हिम्मती और निडर वीर जवानों को याद करने के लिए आर्मी डे मनाया जाता है और देश के लिए दी गई उनकी कुर्बानियों को याद किया जाता है।
2019 का सेना दिवस क्यों है खास – Army Day 2019
यूं तो हर साल सेना दिवस बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन 2019 में मनाया जाने वाले सेना दिवस काफी खास है क्योंकि इस सेना दिवस के मौके पर पहली लेडी ऑफिसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी 15 जनवरी को परेड को लीड कर रही हैं।
इसी के साथ 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई महिला अफसर आर्मी डे परेड का नेतृत्व करेगी। आपको बता दें कि इससे पहले अभी तक किसी भी महिला ने आर्मी डे पर उत्सव में परेड को लीड नहीं किया है।
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी, इंडियन आर्मी सर्विस कॉर्प्स के ग्रुप का नेतृत्व करेंगी। आपको बता दें कि ये ग्रुप पिछले 23 साल से परेड में हिस्सा नहीं ले रहा था लेकिन 2019 में होने वाली आर्मी डे परेड में शामिल होगा। इसमें 144 जवान होंगे। यह जवान परेड के दौरान इस लेडी अफसर के कमांड को फॉलो करेंगे, वहीं आर्मी के जनरल बिपिन रावत सभी का सैल्यूट स्वीकार करेंगे।
आपको यह भी बता दें कि लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने साल 2015 में अफसर के पद पर ज्वॉइन किया था। वो नेशनल कैडेट कॉर्प्स में थीं। इसके लिए आर्मी में स्पेशल एंट्री के एग्जाम होते हैं।
जानकारी के मुताबिक आर्मी डे की ऐतिहासिक परेड में बेहतर प्रदर्शन के लिए लेफ्टिनेंट कस्तूरी के दल के जवानों ने काफी अभ्यास भी किया है।
सेना के कुछ रोचक और गौरवशाली तथ्य – Facts about Indian Army Day
1776 में कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के अधीन भारतीय सेना का गठन हुआ था। अभी देश भर में भारतीय सेना की 53 छावनियां और 9 आर्मी बेस हैं।
खास बात यह है कि भारतीय सेना में सैनिक अपनी मर्जी से शामिल होते हैं। हालांकि संविधान में जबरन भर्ती का भी प्रावधान है, लेकिन इसकी जरूरत कभी नहीं पड़ी।
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया की सबसे ऊंची रणभूमि है। यह समुद्र तल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
1971 का भारत-पाकिस्तान का युद्ध पाकिस्तानी सेना के करीब 93,000 सैनिकों और अधिकारियों के सरेंडर के साथ हुआ। आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हिरासत में लिए गए युद्ध बंदियों की यह सबसे बड़ी संख्या थी। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।
अगस्त 1982 में भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचा पुल बेली पुल का निर्माण किया था।
परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। जो कि सैनिकों को उनकी बहादुरी, साहस और बलिदान के लिए दिया जाता है।
भारतीय सेना की सच्ची देशभक्ति, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा, त्याग और उनके बलिदान के लिए पूरा देश कृतज्ञ है और हमेशा रहेगा। आर्मी डे के मौके पर ज्ञानी पंडित की पूरी टीम देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्दांजली अर्पण करती है।