रायपुर। अपने अच्छादित घने वन क्षेत्र वाला छत्तीसगढ़ अब वन विभाग के अधिकारियों की अय्याशी के लिए ज्यादा जाना जाने लगा है. अभी हाल ही में मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप कांड में छत्तीसगढ़ के दो वन संरक्षकों का नाम प्रमुखता से आया है जिसमें से एक अधिकारी ने हार्टिकल्चर विभाग की पदस्थापना के दौरान हनी ट्रैप में फंसी महिलाओं के एनजीओ को भारी लाभ पहुंचाया है। इसके पहले भी धमतरी की मॉडल अंचल यादव के मामले में वन विभाग के 19 अधिकारियों के नाम प्रमुखता से चर्चा में आए थे जिन्हें दबा दिया गया।
छत्तीसगढ़ के एक आईएस अधिकारी व अन्य लोगों के नाम आने के बाद से छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक व राजनीतिक हलकों में बहुत सरगर्मी है। आज इस संबंध में गृहमंत्री, कृषि मंत्री व पंचायत मंत्री ने अलग-अलग बयान देकर चिंता जताई है और गंभीरता से जांच करने की बात कही है। हनी ट्रैप मामले में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने साफ किया है कि हनी ट्रैप का तार अगर छत्तीसगढ़ से जुड़़ रहा है तो इसमें कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी को बचाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अगर मध्यप्रदेश की पुलिस जांच के सिलसिले में यहां आती है तो उसे पूरा सहयोग किया जाएगा।
इसी बीच कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का बयान आया है कि यदि किसी का भी सामने आता है, तो मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी एसआईटी का गठन किया जाएगा और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि मीडिया और चैनल के माध्यम से छत्तीसगढ़ में हनीट्रैप का लिंक जोड़ा गया है और इसमें तत्कालीन सरकार के मंत्री और कई अधिकारी होने की बात सामने आ रही है। लेकिन अभी नाम किसी ने नहीं छापा है। उन्होंने कहा कि नाम आने के बाद जिस तरह मध्यप्रदेश में एसआईटी गठित की गई है, ठीक वैसा ही छत्तीसगढ़ में जाँच कर उन पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो कोई भी हो।
वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि अगर छत्तीसगढ़ के किसी भी व्यक्ति का नाम हनी ट्रैप से जुड़ा है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस पर चिंता करनी होगी क्योंकि यह देखना होगा कि शासन या प्रशासन को नुकसान पहुंचाने वाली बात तो नहीं है? यह जानने के लिए गंभीरता से जांच करानी होगी, क्योंकि षड्यंत्र कुछ भी हो सकता है।
हनी ट्रैप के छींटे छत्तीसगढ़ पर
छत्तीसगढ़ के एक पूर्व मंत्री, दो आईएएस और एक पत्रकार के नाम भी कथित रूप से सामने आये हैं। रमन सरकार के जिन मंत्रियों का बार बार इंदौर का दौरा हुआ करता था, उनकी जांच की जा रही है। कुछ सीनियर आईएएस अधिकारियों के भी इंदौर से लिंक होने की जानकारी मिली है। इन सभी लोगों के नाम हनी ट्रैप की सरगना आरती दयाल की डायरी में मिले हैें। साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि किसको किसको ब्लैकमेल किया गया था और किनको करना बाकी है। हालाँकि विशेष जांच टीम के द्वारा अभी तक किसी के नाम की पुस्टि नहीं की गई है।
एएसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने मध्यप्रदेश की पुलिस टीम के रायपुर आकर जांच करने के विषय में कोई भी जानकारी नहीं होने की बात कही। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो आरोपी महिलाएं हैं जिन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है तो उन्होंने उसके लिखित में देने के लिए कहा. इस पर आरोपी महिलाएं मुकर गईं। सूत्रों के अनुसार वहां के जांच अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों से बात कर उन अफसरों के बारे में मालुमात की जिन्होंने अपने पद का उपयोग करते हुए इन महिलाओं को उत्कृत किया था। इन अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई तब होगी जब महिलाएं अपना बयान लिखित में देगी तब मध्यप्रदेश की पुलिस जांच दल रायपुर आएगा।
छत्तीसगढ़ के तत्कालीन दो डीफ़ओ ने हनी ट्रैप लेडी ग्रुप के एनजीओ को वन विभाग का काम सौंपा था। इसी ग्रुप की लड़कियों के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र के तत्कालीन कलेक्टर के भी सम्बन्ध थे। वर्तमान में दोनों आईफ़एस अफसरों की पदोन्नति हो चुकी है और अब वे सीफ़ओ हैं। वही कलेक्टर वर्तमान में विभागाध्यक्ष भवन इंद्रावती में बड़े पद पर आसीन हैं। इन सभी को अपने ख़ूबसूरती के जाल में फंसाने के लिए स्वेता जैन, बरखा भटनागर और आरती दयाल के नाम सामने आये थे। पुलिस ने जब छानबीन की तो इन महिलाओं के पास से और भी कई बड़ी हस्तियों के नाम सामने आये जिनके वीडियोस और चैटिंग की सीडी और हार्ड डिस्क इनके पास से बरामद हुई थी।
क्या है हनी ट्रैप
बता दें कि हनी ट्रैप खूबसूरत हसीनाओं का बिछाया हुआ जाल होता है जो पूरी तरह से पूर्व नियोजित होता है। इसमें पहले अपने टारगेट तय किये जाते हैं जिनमे वो लोग आते हैं जो शासन प्रशासन में अपनी धाक रखते हैं, जिनसे महत्वपूर्ण जानकारियां निकलवाना आसान हो या फिर उनसे कुछ बड़े काम करवाये जा सकें। ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर पहले उनसे दोस्ती कर भरोसा जीता जाता है और जब वे उनके अनुसार ढल जाते हैं तो उनके खिलाफ उनके निजी पलों की तस्वीरें, वीडियोज बना कर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। अपनी छवि बचाने के लिए हनी ट्रैप के शिकार हुए लोग करोड़ों रूपये भी खर्च कर देते हैं। इसी बात का फायदा उठाकर हनी ट्रैप गैंग उनसे मनचाहा काम करवाते हैं और पैसे भी ऐंठते हैं।
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